आईईडी से हमला कर जंगलों में भाग रहे नक्सली
रायपुर। बस्तर के नक्सलियों के पास बंदूक और गोलियों की कमी हो गई है। एक खुफिया रिपोर्ट में यह जानकारी पहले ही सामने आ चुकी है। कोरोना काल के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों की सीलबंदी से नक्सलियों की सप्लाई चेन टूट चुकी है। ऐसे में फोर्स को इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (आइइडी) से अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
दंतेवाड़ा में बुधवार को हुए विस्फोट के बाद यह स्पष्ट है कि नक्सली विस्फोटक लगाकर भागने की रणनीति पर ही काम कर रहे हैं। यही कारण है कि अरनपुर में विस्फोट के बाद फायरिंग या हथियार लूटने जैसी कोई वारदात नहीं की गई। हाल के वर्षों में नक्सली कमजोर पड़े हैं और सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा तक सिमट गए हैं। पिछले तीन साल में फोर्स ने इसी क्षेत्र से पांच हजार किलो से ज्यादा के आइईडी निकालने में सफलता पाई है।