दुनिया भर से पहुंचे प्रतिनिधियों ने साझा किए विचार, जी-20 सम्मेलन में नई तकनीक और रिसर्च पर चर्चा
जी-20 शिखर सम्मेलन का शुभारंभ बुधवार को धौलाधार की खूबसूरत वादियों में सुबह नौ बजे हुआ। विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डा. श्रीवारी चंद्रशेखर ने दुनिया भर के विभिन्न देशों से पहुंचे प्रतिनिधियों का अपने भाषण से स्वागत किया। स्वागत भाषण के बाद इंडोनेशिया व ब्राजील के ट्रोइका सदस्यों ने अपनी बात जी-20 प्रतिनिधियों के समक्ष रखी। जी-20 सम्मेलन के पहले दिन ग्लोबल वार्मिंग से बचने और पैट्रोल डीजल के बजाए नई एनर्जी की तलाश पर जोर दिया गया। पहले ही सत्र में विवेकानंद फाउंडेशन इंटरनेशनल फाउंडेशन के प्रतिनिधि डीपी श्रीवास्तव ने इंडिया एनर्जी ट्रांजिट इन कंसंट्रेंड वर्ल्ड विषय पर विचार रखे।
आईआईटी मद्रास के डीन प्रो. रघुनाथन रंगास्वामी ने जी-20 एजुकेशन वर्किंग ग्रुप एक्टिविस्ट विषय पर प्रस्तुति दी। दूसरे सत्र में भी कई अहम मसलों पर चर्चा के बाद सभी देशों के प्रतिनिधियों ने अपने अपने सुझाव दिए। इसके पश्चात रिसर्च एंड इन्नोवेशन कारपोरेशन इन स्मार्ट एनर्जी ट्रांसफार्मेशन स्टोरेज एंड मैनेजमेंट विषय पर इंटरनेशनल सोलर एलाइंस के महानिदेशक डा. अजय माथुर ने अपने विषय पर प्रस्तुति दी। उनके बाद लो कार्बन एनर्जी रिसर्च फार स्टेनेबल एनर्जी ट्रांजिशन विषय पर मिनिस्ट्री आफ एनर्जी आफ रशियन फेडरशन के उप महानिदेशक एलेक्सी कानेव ने प्रस्तुति दी। जी-20 के तीसरा सत्र में एनर्जी टेक्नोलाजी सेल डीएसटी की हेड अनिता गुप्ता, एजेंसी फार साइंस टेक्नोलाजी एंड रिसर्च सिंगापुर की सीनियर साइंटिस्ट एंड डिवीजन निदेशक डा. लिलि झांग, साइंस एंड टेक्नोलाजी पालिसी इंस्टीट्यूट कोरिया की डा. डांग उन पार्क ने स्थायी ऊर्जा संक्रमण में संचालित अनुसंधान पर चर्चा कर कई पहलुओं से अवगत करवाया। चौथे सत्र में कार्बन न्यूट्रल एनर्जी सोर्स व ग्रीन हाइड्रोजन में रिसर्च और इन्नोवेशन के लिए पॅालिसी फ्रेमवर्क पर प्रस्तुति दी गई इस सत्र का समापन ट्रोइका (इंडोनेशिया, ब्राजील) के प्रतिनिधियों ने किया।
चाय तोड़ेंगे मेहमान
धर्मशाला — धर्मशाला में चल रहे जी-20 सम्मेलन के दौरान सभी डेलीगेट्स धर्मशाला में चाय बागानों का दौरा करेंगे। इस दौरान जी-20 सम्मेलन के डेलीगेट्स कांगड़ा में तैयार होने वाली चाय को तोडऩे का अनुभव भी लेंगे। जबकि इसके बाद आठ प्रकार की कांगड़ा चाय की भी चुस्कियां लेंगे। वहीं, मेहमानों को कांगड़ा की स्पेशल टी-ओलोंग चाय भेंट की जाएगी। चाय उद्योग के मैनेजर अमन पाल सिंह ने बताया कि सभी डेलीगेट्स बागानों का अढ़ाई घंटे दौरा करेंगे।
मेहमानों को भायी चंबा चप्पल, तुलसी-गिलोय
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — धर्मशाला
जी-20 सम्मेलन के माध्यम से हिमाचली उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग का प्रयास सफल होता नजर आ रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से आयोजन स्थल पर लगाई गई हिमाचली उत्पादों की प्रदर्शनी में विदेशी मेहमानों ने खूब रूचि ली। डेलीगेट्स और उनके साथ आए परिजनों ने प्रदर्शनी व बिक्री काउंटरों पर न सिर्फ इन उत्पादों के बारे में जानकारी ली, बल्कि जमकर खरीदारी भी की। आयोजन स्थल पर हथकरघा-हस्तकला से जुड़े उत्पाद रखे गए थे। इसके अलावा आईएचबीटी पालमपुर और कृषि विश्वविद्यालय द्वारा साइंस-प्रौद्योगिकी के नवाचार से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई थी। डीआरडीए कांगड़ा की ओर से लगाए गए स्टॉल में मिशन धनवंतरि के अंतर्गत तैयार हर्बल उत्पाद रखे गए थे। उनमें प्रमुखता से तुलसी और कैमोमाइल अधारित प्रोडक्ट्स थे। इसी स्टॉल में स्थानीय एनजीओ द्वारा तैयार गिलोय उत्पाद और कुल्लवी हस्तकला के ऊनी वस्त्र रखे गए थे। डीआरडीए द्वारा लगाए अपना कांगड़ा स्टॉल में आचार, चटनी और पहाड़ी चुख को भी बिक्री के लिए रखा गया था।
वहीं हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के स्टॉल में हिमाचली हस्तशिल्प और हथकरघा को प्रदर्शित करते उत्पादों ने डेलिगेट्स का ध्यान आकर्षित किया। यहां पर चंबा थाल, चंबा रूमाल, चंबा चप्पल के साथ साथ विभिन्न हिमाचली परिधानों को जी-20 डेलीगेट्स ने बेहद पसंद किया। विदेशी महमानों ने हिमाचली हस्तशिल्प और परंपरागत हस्तकला से सुसज्जित इन परिधानों को पहन कर तस्वीरें भी लीं। वहीं स्टॉल में प्रदर्शित कांगड़ा पेंटिंग्स देख कर डेलीगेट्स ने हिमाचली कला की भूरि भूरि प्रशंसा की। आयोजन स्थल पर कांगड़ा टी के साथ-साथ विभिन्न जायकों की चाय बिक्री के लिए रखी गई है, जिन्हें विदेशी महमान खूब पसंद कर रहे हैं।
अतिथियों के लिए गाला डिनर
धर्मशाला — जी 20 बैठक में सम्मिलित विदेशी मेहमानों के सम्मान में प्रदेश सरकार ने एचपीसीए स्टेडियम में गाला डिनर का आयोजन किया। इस मौक़े पर उन्हें हिमाचली परंपरा के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किया गया। प्रदेश सरकार की तरफ़ से कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने डेलीगेट्स को उपहार भेंट किए। इसमें सरकार द्वारा डेलीगेट्स को हिमाचली टोपी-शॉल के अलावा कांगड़ा पेंटिंग्स देकर सम्मानित किया गया। वहीं, उन्हें पाइन निडल ईयर रिंग्स, किन्नौरी फ्लावर कोस्टर, देव संस्कृति के प्रतीक मोहरों के साथ ही हिमाचली हस्तशिल्प उत्पाद ट्वीड टोट बैग और जूट मैट उपहार में दिए गए। इस दौरान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली, काँगड़ा के सांसद किशन कपूर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और उपायुक्त डा. निपुण जिंदल सहित तमाम प्रशासनिक अमला उपस्थित रहा। गाला डिनर के दौरान विदेशी मेहमानों को हिमाचल की स्मृद्ध लोक संस्कृति से भी अवगत करवाया गया।